शनिवार, 5 अक्तूबर 2013

'धर्म'

                'धर्म'

उन्होँने डाक्टर को समझाते-धमकाते हुए कहा,- "आप इन दंगोँ मेँ घायल सिर्फ अपने धर्म के लोगोँ का ही उपचार करोगे।"

"क्योँ?" डाक्टर ने आश्चर्य से पूछा।

"इन लोगोँ ने हमारे धर्मस्थलोँ को क्षति पहुँचाई है, ये हमारे धर्म के विरोधी हैँ।

"डाक्टर ने निर्भयता,-"इन्होँने तो मात्र मिट्टी के भवनोँ को ध्वस्त किया है, आपने तो मानवता को ही ध्वस्त कर दिया। चिकित्सक का धर्म सिर्फ मानवता है। और इनका उपचार करना मेरा धर्म है। आप धर्मभ्रष्ट हो सकते हैँ, पर मैँ अपने धर्म से भ्रष्ट नहीँ होऊँगा।"

        
                                              

1 टिप्पणी:

Rohit Singh ने कहा…

कहीं डॉक्टर तो कहीं प्रशासनिक अफसर निकल ही आता है बावला..जो अपने धर्म का निर्वाह करता है....