बेमाली माता पर्वत की यात्रा
माउंट आबू-सिरोही
हमें यात्रा का जो समय मिलता है वह है रविवार। विद्यालय अवकाश का हम सदुपयोग घूमने में कर लेते हैं। माउंट आबू प्रकृति की गोद में बसा शहर है और यहाँ जंगल-पहाडों के अतिरिक्त मंदिर भी काफी संख्या में है। और जब कोई मंदिर पहाड़ की चोटी पर हो और वहां जाना हो तब रोमांच और भी बढ जाता है। ![हम दस हम दस](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEjUaHu2_1MWohK2Lu15uT_doitvbH0c7bv0mBTAFJORf4e5cIFYWuDfoDok9h9Ji0mdhFkwST2-7slPuc_OM83HK1YJj4HsLolHWClXWWmkpBjzvi6oXRAFK_DXRSxi8dlBaL1eGQn43L0/w640-h416/IMG_20210110_144603.jpg) |
हम दस |
माउंट आबू शहर में प्रवेश करते समय, टोल नाके से पूर्व दायी तरफ काफी ऊंचा पहाड़ नजर आता है और उस पहाड़ पर एक मंदिर का हल्का सा आभास होता है। पहाड की ऊंचाई का आप अंदाज इस तरह भी लगा सकते हो की यह शहर की दूसरी तरफ नक्की झील से दिखाई देता है। जब आप नक्की झील के पास कृत्रिम झरने के पास झील की उतर मुँह करके बैठते हो तो शहर की दूसरी तरफ का बेमाली पर्वत अपनी ऊंचाई का अहसास दिलाता नजर आता है। तब मन में यही इच्छा बलवती होती थी की कभी इस पर्वत पर भी जाना है।