पावन धरा पर जिसने जन्म लिया,
भारत माँ का था वो पुत्र महान।
प्यार से कहते बापु जिनको
दिया राष्ट्रपिता का सम्मान।।
बापु का संदेश अहिंसा,
और सत्याग्रह का ज्ञान।
स्वदेशी का प्रयोग सिखाया,
और सिखाया देना क्षमा दान।।
वर्गभेद के बंधन तोङे,
सिखाया करना स्वकर्म।
मानव-मानव की सेवा करे,
यही है सबसे बङा धर्म।।
बापु के संघर्ष बल ही,
हुए हम आजाद।
तभी तो जन-जन करबध्द होकर,
करता है बापु को याद।।
विश्व मेँ जिनका आज भी,
गूँज रहा जयगान।
1948 को विदा हुए वो,
कहकर हे ! राम।।
-नई दिशा ( अक्टु.-2011) पश्चमी बंगाल से प्रकाशित।
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