जब-जब मैँ उदास होता हूँ,
तब-तब याद आते हैँ,
वो हसीन पल
जो तुम्हारे साथ बीते थे।
आँखोँ मेँ तैर जाती है
तुम्हारी हवा सी चंचल छवि।
तब बरबस होठोँ पर
थिरक उठती है स्निग्ध मुस्कान
उठ जाते हैँ दुख के बादल।
तुम पास नहीँ हो
पर तुम्हारी याद
सीने से लगी रहती है
जो हर दुख मेँ देती है
एक मधुर सांत्वना।।
अविराम साहित्यिकी(दिस.-2011) हरिद्वार, उत्तराखण्ड से प्रकाशित।
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