चुनाव के बहाने.... कुछ चुनाव की कुछ समाज की।
मैंने कम समय में चुनाव के
काफी अनुभव प्राप्त किये हैं। सन् 2017 में मेरी नियुक्ति शिक्षा विभाग में
व्याख्याता के पद पर हुयी, तब से मैंने विधान सभा, लोक सभा, नगर निकाय और शहरी
निकाय के चुनाव के साथ-साथ एक बार नगर पालिका मतगणना में भी भाग लिया है।
और चुनाव से कुछ न कुछ नया सीखने को ही मिलता
है, हालांकि चुनाव से पूर्व यह भी होता है-काश मेरी डयूटी न आये। पर ऐसा होता नहीं
है। और मेरी आज तक किसी भी चुनाव में डयूटी न आयी हो ऐसा नहीं हुआ। और इस बार
दिनांक 13.08.2021 को राज्य चुनाव में जिला परिषद और डायरेक्टर के चुनाव के लिये
बुलावा पत्र आ ही गया।
17.08.2021 को शांतिवन, आबू रोड़ में एक छोटी
सी ट्रेनिंग के पश्चात दिनांक 28.08.2021 को हमारे विद्यालय के स्टाफ पंकज मकवाना
जी की कार में शिवांश दीक्षित जी और माउंट के ही हर्षित सर और दिनेश जी के साथ हम सुबह सात बजे माउंट से सिरोही के
लिये रवाना हुये।
तय समय पर हम प्रशिक्ष स्थल खण्डेलवाल भवन पहुंचें। यहाँ नाम मात्र की ट्रेनिंग के बाद हमें अपना चुनाव सामान प्राप्त करना था। सामान प्राप्त करना और फिर उसे जमा करवाना तो चुनाव से भी दुष्कर कार्य है। कुल 85 प्रकार के सामान की सूची थी। जिसे देखना और मिलान करना और भी झंझट का कार्य है। अगर कोशिश की जाये तो चुनाव को आसान बनाया जा सकता है, पर यह कोशिश करे कौन? सब एक निश्चित ढर्रे पर चल रहे हैं। चुनाव में इतने प्रपत्र होते हैं, जिनको भरना भी बहुत साथियों के लिये चुनौती है। इस से तो अच्छा है एक बुकलेट बना दी जाये और उसे भर कर जमा करवा दिया जाये।