तारीफ करते रहे जिन नजरों की
हम पर ही वो निकले
हर महफिल में जिसे अपना कहा,
आज वो हि बेगाने निकले
सोचा, एक रात ठहर जाऐगे यहां,
इस शहर में तो सभी बेगाने निकले
बढ गइे है तेरे शहर में गुस्ताखियॉं,
यहां तो हर मोड पे मयखानें निकले
हमने तो हर मोड पे धोखा खाया,
जबसे रिश्ते हम निभाने निकले
सोचा था,लौट आएंगे वो,
फिर उनके इंतजार में कइ जमानें निकले
सच्ची मोहब्बत का को रहनुमा ना मिला
जो मिले ,सब मोहब्बत पे दाग लगाने निकले
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हम पर ही वो निकले
हर महफिल में जिसे अपना कहा,
आज वो हि बेगाने निकले
सोचा, एक रात ठहर जाऐगे यहां,
इस शहर में तो सभी बेगाने निकले
बढ गइे है तेरे शहर में गुस्ताखियॉं,
यहां तो हर मोड पे मयखानें निकले
हमने तो हर मोड पे धोखा खाया,
जबसे रिश्ते हम निभाने निकले
सोचा था,लौट आएंगे वो,
फिर उनके इंतजार में कइ जमानें निकले
सच्ची मोहब्बत का को रहनुमा ना मिला
जो मिले ,सब मोहब्बत पे दाग लगाने निकले